रविवार, 14 फ़रवरी 2021

प्रार्थना-पत्र

सेवा में
श्रीमान प्रधानमंत्री जी/ग्रह मंत्री जी/कृषि मंत्री जी
भारत सरकार।
विषय- भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों में सुधार हेतु सुझाव।
मान्यवर
भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु तीन कानून बनाए हैं,इन कानूनों का भारत के किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है।इन तीनों कानूनों में कुछ सुधार किसान हितों के लिए आवश्यक है,जो निम्न हैं-
1- कृषि विवाद को सुलझाने के लिए इन कानूनों में एसडीएम और डीएम को नियुक्त किया गया है। इन दोनों पदों में राजनीतिक हस्तक्षेप अधिक होता है। इसलिए न्यायालय जाने का किसी भी पक्ष को अधिकार देना बेहद जरूरी है, अतः एसडीएम और डीएम के साथ न्यायालय जाने का भी अधिकार सरकार दे।
2- ऐपीएमसी (मंडी) में जब किसान फसल विक्रय करने के लिए जाता है तो मंडी का टैक्स किसान को देना होता है।
परन्तु नये बने कानूनों में किसान अपनी फसल कही भी बेच सकता है, जिस पर कोई टैक्स नहीं होगा,इस कारण कोई किसान मंडी के अंदर अपनी फसल बेचने क्यों जायेगा?
अत भारत सरकार को मंडी टैक्स को भी शून्य कर देना चाहिए।
3- (क)कांट्रैक्ट फार्मिंग के अंतर्गत किसान के साथ जो एग्रिमेंट किया जाय,उसका फार्मेट भारत सरकार के द्वारा एक जैसा ही बनना चाहिए, किसान के साथ तय की गई फसल की दर, जमीन का क्षेत्रफल तथा खसरा नंबर तथा कितने समय के लिए एग्रिमेंट किया गया और किसान के हस्ताक्षर का कालम ही किसान और कांट्रेक्टर द्वारा भरा जाना चाहिए।
(ख)नये बने क़ानून में किसान की फसल किस न्यूनतम दर से एग्रिमेंट होगी,इसकी कोई व्यवस्था सरकार ने नही की है, फसल की न्यूनतम दर के लिए या तो सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य)को कानूनी मान्यता प्रदान करें या एग्रिमेंट के समय अंतराष्ट्रीय बाजार में जो फसल की दर हो, उससे नीचे किसान की फसल का एग्रीमेंट नही होना चाहिए।
4- भारत सरकार प्रत्येक किसान को 6000 रूपए प्रति वर्ष किसान सम्मान निधि के रुप में दे रही है,ना होने से कुछ होना अच्छा है।
यह राशि बहुत कम है, भारत में 86% छोटी जोत वाले किसान है,इन 86% किसानों को किसान सम्मान निधि 50000 रूपए प्रति किसान सरकार को देनी चाहिए।
5- दुग्ध उत्पादन के लिए जो नागरिक गाय- भैंस पाल रहै है तथा दुग्ध बेचते हैं,उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए तथा इन कार्य में लगे नागरिकों को भी दुग्ध सम्मान निधि के रुप में प्रत्येक वर्ष कोई निश्चित राशि सरकार को देनी चाहिए।
इसमें भी छोटी जोत वाले किसान की तरह दो से अधिक तथा अधिकतम 20 गाय या भैंस तक की सीमा रेखा तय की जा सकती है।
 भारत के एक जागरूक नागरिक के नाते मेरी ओर से  उपरोक्त सुझाव आपके सामने प्रस्तुत है।
भवदीय
अशोक चौधरी (अध्यक्ष प्रताप राव गुर्जर स्मृति समिति मेरठ, पूर्व महासचिव गुर्जर महासभा उत्तर प्रदेश)
108/1 नेहरू नगर गढ रोड़ मेरठ(उत्तर प्रदेश)।
मोबाइल नंबर- 9837856146