मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

गुर्जर समाज साझी विरासत मेरठ प्रांत परम्परा लेखन,लेखक नुरूद्दीन चौहान पुत्र मरहूम हकीमुद्दीन चौहान गांव जहानपुरा, ब्लाक कैराना, जिला शामली सेवा निवृत्त जिला इंचार्ज उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण विभाग (UPGRWS)व फैमिदा चौहान पत्नी नुरूद्दीन चौहान निवास गांव बाबूपुरा ब्लाक ननौता जिला सहारनपुर बटार गोत्र। वर्तमान पता -107/12 निकट आरटीओ कार्यालय, शास्त्री नगर मेरठ। मो 0-9997289652।

मै (नुरुद्दीन चौहान) गुर्जर जाति के चौहान गोत्र से,जिला शामली का मूल निवासी हूं। हमारे शामली जिला में हमारे गोत्र चौहान/कल्श्यान के 84 गांव है।जिसे क्षेत्र में कल्श्यान खाप की 84 कहकर भी पुकारा जाता है।इन 84 गांव में 42 गांव हिन्दू गुर्जर चौहान व 42 गांव मुस्लिम गुर्जर चौहान के है। दोनों हिन्दू व मुस्लिम गुर्जर के पूर्वज एक ही है ऐसा हम सभी का सदा से मानना रहा है। हमारे लोगों मै ऐसी मान्यता है कि हमारे 84 गांव की जागीर हमारे पूर्वजों को सम्राट पृथ्वीराज चौहान के छोटे भाई हरिराज चौहान उर्फ हर्रा चौहान ने दी है। परंतु जो इतिहास के विद्वान है उनका ऐसा मत है कि चौहानों के प्रथम सम्राट बिसल देव चौहान ने जब दिल्ली के तंवरो को हराकर उनको अपना सामंत बनाया,तब इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाये रखने के लिए सम्राट बिसल देव चौहान ने दिल्ली के पास भाटी गुर्जरों को 360 गांव तथा हमारे पूर्वज कलशा  जिनके नाम से हमे कल्श्यान भी कहा जाता है,को 84 गांव की जागीर प्रदान की थी।
कल्श्यान खाप के बारे में एक मान्यता क्षेत्र में और भी प्रचलित है कि सम्राट बिसलदेव से जागीर मिलने के बाद जब चौहान गुर्जर इस क्षेत्र में रहने लगे,तो कुछ वर्षों बाद बुड्ढन सिंह चौहान नाम के एक व्यक्ति जो चौहान खाप के पूर्वज थे,ने अपने नाम से बुढ़ाना स्थान पर बस कर रहने लगे थे।उनके पास के क्षेत्र में ही बडी संख्या में जाट जाति के लोग भी निवास करते थे।एक बार जाट जाति के जागीरदार का बेटा शादी करके अपनी दुल्हन को ले जा रहा था। कैराना के पास स्थित तीतर वाडा के तीतर खां पठान जागीरदार ने हमला कर दुल्हन की डोली को छीन लिया।उस युग में इस प्रकार की  घटना होती रहती थी।वह जाट जागीरदार बुड्ढन सिंह चौहान के पास मदद के लिए पहुंचा।इस परिस्थिति में बुड्ढन सिंह चौहान ने अपने 20 पुत्रो को उस जाट जागीरदार के साथ अपनी सैन्य शक्ति सहित तीतर खां पठान से दुल्हन को मुक्त कराने के लिए भेजा।इस संघर्ष में बुड्ढन सिंह चौहान के 17 पुत्र बलिदान हो गये। तीतर खां पठान को उसके साथियों सहित समाप्त कर दिया गया। दुल्हन को मुक्त करा लिया गया।जो जाट जागिरदार था,जिसकी वह दुल्हन थी,उसका नाम बलशा था,बुड्ढन सिंह चौहान के तीन पुत्र,जो इस संघर्ष के पश्चात बचें, उनमें सबसे बडे पुत्र का नाम कलशा था,बाकि दोनों का नाम दीपा व देवडा था।इस संघर्ष की प्रसिद्धि के कारण जाट जाति के जागीरदार बलशा के कारण जाटो को बलशा के नाम से बालियान कहा जाने लगा,आज बालियान खाप के 84 गांव उस क्षेत्र में है,कलशा के नाम से 84 गांव कल्श्यान खाप के है,दीपे/दापे व देवडे के नाम से भी कई गांव मे गुर्जर बसे हैं, जिनमें दीपे/दापे गूर्जरों का मुण्डलाना एक प्रसिद्ध गांव है। तीतर वाडा गांव में आज भी ल्कल्श्यान गोत्र के गुर्जर रहते हैं, कल्श्यान,दीपे,देवडे तीनों ही चौहान गोत्र के गुर्जर एक ही भाई माने जाते हैं तथा आपस बेटी की शादी नही करते। बालियान खाप व कल्श्यान खाप में भी तभी से बडा ही घनिष्ठ भाई चारा चला आ रहा है।जब भी कोई संकट समाज या क्षेत्र पर आया है, आवश्यकता पड़ने पर बालियान और कल्श्यान खाप एक दूसरे के साथ खडी रही है।
लेकिन एक मत इतिहासकारों का यह भी है। जो इस प्रकार है -
कल्शान गुर्जरों की कल्शान खाप के 84 गाँव गंगा जमुना के ऊपरी दोआब में हैं| कल्शान शब्द की कुशान के साथ स्वर की समानता हैं| कल्शान की कुषाणों की बैक्टरिया स्थित राजधानी खल्चयान से भी स्वर की समानता हैं| सभवतः कल्शान खाप का समबंध कुषाण परिसंघ से हैं|

देवड़ा/दीवड़ा: गुर्जरों की इस खाप के गाँव गंगा जमुना के ऊपरी दोआब के मुज़फ्फरनगर क्षेत्र में हैं| कैम्पबेल ने भीनमाल नामक अपने लेख में देवड़ा को कुषाण सम्राट कनिष्क की देवपुत्र उपाधि से जोड़ा हैं|

दीपे/दापा: गुर्जरों की इस खाप की आबादी कल्शान और देवड़ा खाप के साथ ही मिलती हैं तथा तीनो खाप अपने को एक ही मानती हैं| शादी-ब्याह में खाप के बाहर करने के नियम का पालन करते वक्त तीनो आपस में विवाह भी नहीं करते हैं और आपस में भाई माने जाते हैं| संभवतः अन्य दोनों की तरह इनका सम्बन्ध भी कुषाण परिसंघ से हैं|
माता शाकुम्भरी,जो चौहानों की कुलदेवी है,उनकी एक सिद्ध पीठ भी सहारनपुर में सम्राट बिसल देव चौहान ने ही स्थापित की थी,ऐसी हमारे यहां मान्यता है।
मोहम्मद गौरी के दिल्ली पर अधिकार होने के बाद हमारा क्षेत्र भी सल्तनत काल का एक हिस्सा बन गया था। मोहम्मद गौरी के साथ सूफी भी थे।जो क्षेत्र में खानकाह/मठ बनाकर रहने लगे थे।समय गुजरता गया,जिस समय अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली की गद्दी पर बैठा, उस समय  चौहान सरदार दो सगे भाई थे। इनमें से एक का नाम झुंझुन बद्री प्रसाद उत्तमदत राणा था वह जहां बसा उस स्थान का नाम आज झींझाना (शामली जिले में झींझाना ब्लाक) है, दूसरा जो इनका चचेरा भाई था जिसका नाम कर्णपाल उत्तमदत राणा था, वह कैराना में बस गया था।
दसवी शताब्दी के खजराहो अभिलेख में कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार शासक के लिए गुर्जराणा उपाधि का प्रयोग किया गया हैं। इसलिए राणा उपाधि का प्रयोग यहां दिखाई देता है।
 एक बार खिलजी की सेना यमुना के किनारे कैराना के पास से होकर जा रही थी, खिलजी के सेनापति ने कैराना के राजा से सेना के लिए रसद की मांग की, जिसे राजा पूरी नहीं कर सका। उस सेनापति ने कैराना के राजा की शिकायत अलाउद्दीन खिलजी से की। खिलजी क्रोधित हो गया, खिलजी ने काजी अमीनुददीन के नेतृत्व में एक शक्तिशाली सेना कैराना के राजा पर हमले के लिए भेज दी। इस हमले का कैराना के चौहानो ने बड़ी बहादुरी से सामना किया, कैराना का राजा युद्ध के मैदान में लडता हुआ शहीद हो गया। काजी अमीनुददीन ने कैराना राज्य का दिल्ली के राज्य में विलय कर दिया। 
कुछ समय अंतराल के बाद कैराना राजपरिवार के सम्पर्क में एक सूफी आया, जिसका नाम सूफी शाह अब्दुल रज्जाक था जो झींझाना में खानकाह /मठ बनाकर रहता था, क्योंकि झींझाना राजपरिवार व कैराना राजपरिवार कभी एक ही बाप की संतान थे, अतः सूफी से सम्पर्क कराने में झींझाना वालों की भूमिका भी रही होगी। इस सूफी ने कैराना के राजपरिवार के लोगों को मुस्लिम बनने की सलाह दी, ऐसा विश्वास दिलाया कि मुसलमान बनने पर ही उनका आदर व उनकी सम्पत्ति सुरक्षित रह सकती है। इन्हीं सूफी की सलाह मान कर राजपरिवार के दो भाईयों में से एक भाई ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया, सूफी ने इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाले राजकुमार का नाम "हसन "रखा। उस राजकुमार के साथ 84 में से 42 गांव भी इस्लाम धर्म में चले गए। इस तरह से कैराना में मुस्लिम गूजर जाति अस्तित्व में आ गई।
इस विदेशी तुर्की शासनकाल में जो हिन्दू अपना धर्म त्याग कर मुसलमान बन गए, विजेता मुसलमानों ने उन्हें कोई खास तरजीह नहीं दी, भारतीय मुसलमानों को सत्ता में बडे पदों से सदा दूर रखा, उन्हें शक था यदि भारतीय मुसलमानों को शक्ति दे दी गई तो ये अपने हिन्दू भाईयों के साथ मिलकर उनके सामने चुनौती पेश कर सकते हैं। सम्पूर्ण तथाकथित गुलाम युग में इमादुल -मुल्क -रावत को छोड़कर किसी भी भारतीय मुसलमान को उच्च पद पर नियुक्त नहीं किया गया और इमाद भी इसलिए उच्च पद पर पहुंच सका कि उसने अपने माता-पिता का नाम छिपा रखा था और विदेशी मुसलमानों की संतान होने का भ्रम बना दिया था, जब यह खबर तत्कालीन बादशाह बलबन तक पहुंची तो बलबन ने उसके वंश का पता लगाने के लिए जांच करवाई और जब बादशाह को यह मालूम हो गया कि उसके माता-पिता भारतीय थे तो उसके प्रति सुल्तान का व्यवहार रूखा हो गया। एक बार बलबन ने अपने दरबारियों को बहुत बुरा-भला कहा, क्योंकि उन्होंने अमरोहा जिले हेतु लिपिक के पद पर एक भारतीय मुसलमान को चुन लिया था।
कैराना के मुस्लिम बने हिन्दू भी विदेशी मुस्लिम शासन की इसी भावना के शिकार रहे, दिल्ली के दरबार में उन्हें कोई पद प्राप्त नहीं हुआ, परन्तु स्थानीय स्तर पर वो इस्लामिक शासन में हिन्दुओं के किये जा रहे अनावश्यक शोषण से बचे रहे, अपने मुसलमान बने भाईयों की आड़ में हिन्दू राजकुमार के समर्थक हिन्दू चौहान गूजर भी बेवजह की बहुत सी मुसीबतों से बचे रहे।
आगे चलकर ग्यासुद्दीन तुगलक के समय में राज्य के किसानों के लिए तुगलक ने पहली बार किसान निती शासन की ओर से बनाई।जिसके अन्तर्गत मुस्लिम किसान जागीरदार से 15% तथा हिन्दू जागीरदार किसान से 50% फसल का लगान निर्धारित किया गया।इस कारण भी दबाव बना।
थोडा सा ओर आगे चलकर फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में सिंचाई के लिए कुछ नहरें खुदवाई गई। फिरोज शाह तुगलक ने दोबारा किसान निती को निर्धारित किया।जो किसान नहर के पानी से से खेतों की सिंचाई करतें थे।उन किसानों पर 10% लगान और बढा दिया गया। मुस्लिम किसान पर लगान 15 के स्थान पर उन पर 25% तथा हिन्दू किसान पर 60% लगान राशि लेना निर्धारित किया गया।
केराना के राजकुमार 
राणा वीर साल (इस्लाम कबूल कर लिया) इनका नाम 
 राय दीन हसन 
 चाँद दीन हसन 
 राणा नेमत अली हसन 
 राणा जीवन अली हसन 
मुग़ल बादशाह अकबर के समय भी कल्शान खाप प्रभावशाली रूप से अस्तित्व में थी| 1578 ई. में अकबर ने दिल्ली सूबे की पांच खाप जिनमे बालियान जाट खाप, कल्शान गूजर खाप, सलकलेन जाट खाप, दहिया जाट खाप तथा गठवाला जाट खाप सम्मिलित थी, के लिए एक फरमान ज़ारी कर उन्हें धार्मिक मामलो और आतंरिक प्रशासनिक मामलो में स्वतंत्रता प्रदान की थी| आज भी कल्शान खाप के चौहान गुर्जर बालियान और सलकलेन जाटो से विशेष भाईचारा मानते हैं| अबुल फज़ल द्वारा लिखित आईन-ए-अकबरी पुस्तक के अनुसार दिल्ली सूबे की सहारनपुर सरकार में कैराना महल के जमींदार गूजर जाति के थे| इसके अतिरिक्त कांधला जोकि दिल्ली सरकार के अंतर्गत था, वहाँ के जमींदार भी गूजर जाति के थे| इस प्रकार हम देखते हैं कि अकबर के शासनकाल में कल्शान चौरासी के क्षेत्र कैराना-कांधला में गूजर जमींदार थे|
 राणा गुलाब अली हसन (सन् 1857 में)
नादिर अली हसन उर्फ़ न्यादरा
रहमत अली हसन  आदि रहें हैं। कुछ नाम हम भी भूल गए हैं।
अंदर से सूफियों के समझाने पर ऐसा भी हुआ बताया जाता है कि जो हिन्दू जागीरदार थे, उन्होंने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया,ताकि उन जागीरदारों के बाकि भाई बिरादर जो जागीरदार के काश्तकार होते थे, बढ़े लगान की मार से बच सकें। अतः मुस्लिम गुर्जरों में बहुत कम आबादी में पंवार,बटार, भड़ाना, कटारिया आदि गोत्र के गुर्जर मुस्लिम बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा जिले में पाये जाते हैं।
कैराना में आज भी कल्शान चौपाल हैं, जहाँ खाप की आवश्यक बैठक होती हैं| वर्तमान कैराना निवासी चौधरी रामपाल सिंह कल्शान चौरासी खाप के मुखिया हैं| आप पूर्व सांसद चौधरी हुकुम सिंह के भतीजे हैं।


मुजफ्फरनगर जिले के खतौली ब्लाक में तिसंग नाम का गांव है, जिसमें पताहा गोत्र के मुस्लिम गुर्जर आबाद है।ये गुर्जर अपने आप को खतौली ब्लाक के पताहा गोत्र के हिंदू गुर्जर बाहुल्य गांव अंतवाडा से अपना निकाल मानते हैं। तिसंग गांव के इरशाद नेता जी (मो-9358810122),असजद गुर्जर (मो-9927414272), खालिद गुर्जर (मो -9760602960)जो पताहा गोत्र के है।उनसे इस विषय मैं मेरी व अशोक चौधरी जी की वार्ता हुई है। अशोक चौधरी भी खतौली ब्लाक के अंतर्गत भटौडा गांव के मूल निवासी हैं तथा पताहा गोत्र के है।जो काफी समय से मेरठ में निवास करते हैं।
क्षेत्र में ऐसी मान्यता है कि अंतवाडा गांव बहुत पहले इनके पूर्वज अंतराम के नाम पर बसा हुआ है। अंतवाडा गांव के रहने वाले एक सेवा निवृत्त अधिकारी श्री रमेश चंद्र गुर्जर(मो -9999391993),जो इस समय मेरठ में गंगा नगर कालोनी में रहते हैं,का यह कहना है कि उनके पूर्वज श्री अंतराम जी किसी समय कन्नौज में निवास करते थे।बाहरी हमलो का दबाव पड़ने के कारण वो काली नदी के खादर से नदी के किनारे चलते हुए यहां आकर बसे हैं।काली नदी अंतवाडा गांव से ही निकलती है तथा कन्नौज को होते हुए आगे चलकर गंगा नदी में मिल जाती है। रमेश चंद्र गुर्जर जी का यह मानना है कि उनके पूर्वज चौधरी अंतराम पताहा जी कन्नौज की गुर्जर प्रतिहार डायनेस्टी से सम्बंधित है।यह प्रतिहार शब्द ही देसी भाषा में पताहा हो गया है।प से र व हा के बाद का र देसी उच्चारण मे गायब हो गया है।
 संगठनात्मक रूप से मेरठ विभाग के पांचों जिलों की बैठकें हो चुकी है, गुर्जर समाज साझी विरासत के नाम से पांचो जिलों के वाट्स एप पर ग्रुप बन गये है।जिनमे सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान हो रहा है।
बैठको का विवरण निम्न प्रकार है -
मेरठ प्रांत के मेरठ विभाग के मवाना जिला की बैठक 01-09-24 को मवाना में सुभाष गुर्जर के निवास स्थान हुई,इस बैठक में मेरठ प्रांत के गुर्जर समाज साझी विरासत के संयोजक अशोक चौधरी,मेरठ विभाग के संयोजक ब्रह्म पाल सिंह लखवाया तथा अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
 जिला मेरठ महानगर पश्चिम की बैठक 02-09-24 को सुशांत सिटी सेक्टर 5 सनातन धर्म मंदिर में सम्पन्न हुई।इस बैठक में मेरठ प्रांत में चल रही सभी जातियों की साझी विरासत के संयोजक योगेन्द्र त्यागी जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
पूर्वी मेरठ महानगर -
5 सितंबर सांय 5 बजे गुर्जर समाज साझी विरासत मेरठ प्रांत के मेरठ विभाग के पूर्वी मेरठ महानगर जिला की एक बैठक प्रांत कार्यालय गढ़ रोड 67 भूतल अपेक्स पर आयोजित की गई। बैठक में पूर्वी मेरठ महानगर के संयोजक गुलबीर सिंह जी के साथ सरदार मेम्बर सिंह, सरदार शो सिंह,अनुज भड़ाना,सूरेंद सिंह गोहरा, जितेंद्र सिंह भड़ाना, नरेंद्र भड़ाना, प्रवेश भड़ाना आदि सदस्य उपस्थित रहें। बैठक को प्रांत संयोजक योगेन्द्र त्यागी, गुर्जर समाज साझी विरासत के प्रांत संयोजक अशोक चौधरी,मेरठ विभाग संयोजक ब्रह्म पाल सिंह लखवाया जी ने सम्बोधित किया।बैठक में गुर्जर समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने की योजना पर विचार विमर्श हुआ।
मवाना जिला के बस्तौरा गांव में बैठक -
मेरठ जिले के हस्तिनापुर ब्लाक के बस्तोरा गांव में प्रधान खलील कटारिया जी के निवास स्थान पर गुर्जर समाज साझी विरासत समिति के तत्वावधान में आज तीन बजे एक बैठक का आयोजन किया गया, बैठक में समाज साझी विरासत के प्रांत संयोजक योगेन्द्र त्यागी, गुर्जर समाज साझी विरासत मेरठ प्रांत के संयोजक अशोक चौधरी, विभाग संयोजक ब्रह्म पाल सिंह लखवाया, पश्चिम मेरठ महानगर के संयोजक सतेंद्र भडाना, मवाना जिला संयोजक ऋषिपाल सिंह कंसाना,प्रांत सह संयोजिका मुकेश रानी एडवोकेट,रूपा जैन, चौधरी जयवीर सिंह ,डा हरेंद्रसिंह तथा क्षेत्रीय संघ चालक माननीय श्री सूर्य प्रकाश टोंक जी चर्चा में सहभागी रहें।
गाजियाबाद जिला के मोदीनगर में बैठक -
आज दिनांक 26-09-24 शाम 7 बजे गाजियाबाद जिला की गुर्जर समाज साझी विरासत समिति की एक बैठक मोदी नगर में सम्पन्न हुई, बैठक में मेरठ प्रांत संयोजक अशोक चौधरी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से संगठन विस्तार पर चर्चा की। बैठक में रजापुर ब्लाक के संयोजक जयकरण सिंह दौसा, मोदीनगर नगर पालिका संयोजक धर्मवीर सिंह सीकरी, गाजियाबाद विभाग के संयोजक श्री तेजपाल सिंह पोसवाल उपस्थित रहें।
जिला हापुड़ की बैठक -
गुर्जर समाज साझी विरासत जिला हापुड़ समिति की एक बैठक आज 27-09-24 को कुचेसर चौपला पर आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता हापुड़ के जिला संयोजक राजबल सिंह ने की। बैठक में मेरठ प्रांत संयोजक अशोक चौधरी ने आने वाले समय में गुर्जर समाज साझी विरासत समिति को क्या करना है? इसका एक रोड मेप उपस्थित कार्यकर्ताओं के सम्मुख रखा तथा सिम्भावली ब्लाक के हिम्मत पुर गांव में रह रहे गुर्जर समाज के मुस्लिम बंधुओं को भी साथ मे लेकर चलने की योजना बनाने का आग्रह किया। बैठक में मेरठ के विभाग संयोजक ब्रह्म पाल सिंह लखवाया व मेरठ महानगर पश्चिम के संयोजक सतेंद्र भडाना ने भी अपने विचार रखें। बैठक में सह संयोजक प्रिस मावी,सह संयोजक कुलदीप सिंह गांव आलम नगर तथा गढ़ ब्लाक के संयोजक ओ पी भाटी गांव लडपुरा, सिम्भावली ब्लाक के संयोजक श्री प्रशांत गुर्जर गांव हिम्मत पुर,नवीश गुर्जर, परविंदर मावी, सतेंद्र प्रधान गांव पीर नगर,डा पुष्पेन्द्र, मोहित गुर्जर, पुष्पेन्द्र हूण गांव मुक्तेशरा, विरेन्द्र भाटी गांव देवली, सुधीर विधूड़ी गांव हिरन पुरा, बिजेंद्र नागर गांव सरीख पुर, अमित कुमार गांव नवादा खुर्द, प्रदीप मुखिया गांव गोहरा, मांगेराम गांव हैदरपुर, सुमीत गुर्जर गांव छतनौरा उपस्थित रहें।
मवाना जिला के गांव सारंगपुर मे बैठक+
आज दिनांक 09-10-2024 को सांय काल 3 बजें गुर्जर समाज साझी विरासत जिला मवाना के अंतर्गत किला परिक्षत गढ़ ब्लाक के सारंगपुर गांव में एक बैठक हिंदू गुर्जर व मुस्लिम गुर्जर की सम्पन्न हुई।बैठक की अध्यक्षता सारंगपुर गांव के प्रधान अकबर चौहान ने की, बैठक में समाज के वरिष्ठ समाजसेवी तथा विद्वान आदरणीय श्री सूर्य प्रकाश टोंक जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। बैठक में इतिहास के प्रोफेसर डा सुशील भाटी, मेरठ प्रांत के गुर्जर, राजपूत,जाट, त्यागी व ब्राह्मण समाज साझी विरासत के संयोजक श्री योगेन्द्र जी, गुर्जर समाज साझी विरासत के प्रांत संयोजक अशोक चौधरी,मेरठ विभाग के सह संयोजक बस्तौरा गांव के निवासी प्रधान खलील कटारिया, हापुड़ जिला के संयोजक श्री राजबल सिंह ने अपने विचार रखे।बैठक में चौधरी जयवीर सिंह वरिष्ठ समाजसेवी,मेरठ महानगर पश्चिम के संयोजक श्री सतेंद्र भडाना, किला ब्लाक के संयोजक श्री मनोज रावल, जिला मवाना के सह संयोजक श्री आरिफ गुर्जर,किला ब्लाक के सह संयोजक श्री मोमीन गुर्जर, गढ़ ब्लाक के संयोजक श्री ओ पी भाटी, ग्राम पूठी के श्री प्रिंस गुर्जर सहित सैकड़ों की संख्या में हिंदू व मुस्लिम गुर्जर उपस्थित रहें। बैठक का समापन श्री सखावत गुर्जर जी के गृह स्थान पर जलपान करने के पश्चात हुआ।
सरधना जिला की बैठक -
गुर्जर समाज साझी विरासत सरधना जिला की एक बैठक आज 20-10-2024 को दोपहर तीन बजे बागपत रोड पर स्थित एपेक्स सिटी कालोनी में स्थित सेवा भारती के कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता सरधना के जिला संयोजक श्री ब्रज सिंह मोतला ने की। बैठक में मेरठ प्रांत के संयोजक अशोक चौधरी ने संगठन को सूचारू रूप से चलाने की एक रुपरेखा कार्यकताओं के सामने रखी, बैठक में मेरठ के विभाग संयोजक ब्रह्म पाल सिंह लखवाया,मेरठ महानगर पश्चिम के संयोजक सतेंद्र भडाना तथा सरधना के सह संयोजक नरेंद्र सिंह घाट,जानी ब्लाक के संयोजक अजय बीर सिंह बंसला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में रकम सिंह पांचली, विकास चपराणा व विनोद चपराना पावटी, अभिषेक प्रधान नंगला जमालपुर, तिलक राम सिंह पांचली तथा सुशील चपराना पावटी मुख्य रूप से उपस्थित रहें।
वर्तमान में भी चली आ रही एक जैसी परम्पराएं 
गुर्जर विरासत के नाम से मेरठ प्रांत का एक पेज भी बना लिया गया है,जिसके संचालन की जिम्मेदारी सुशांत सिटी निवासी अभिषेक प्रधान पर है।इस पेज पर अब तक की सभी गतिविधियां डाल दी गई है।

ममता भाटी जी 8595612643 नोएडा जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, का भी मेरठ में 12-10-24 की शाम को आना हुआ , श्रीमती फैमिदा चौहान से ममता भाटी जी की परम्पराओं के बारे में बातचीत हुई तथा अशोक चौधरी की नुरुद्दीन चौहान जी से परम्म्मपराओं को लेकर वार्तालाप हुआ।जो निम्न है -
1- क्या आपके परिवार में अपने किसी पूर्वज के चित्र लगाने की परम्परा हैं ?
उत्तर - नहीं 
2- मजार को मानते है क्या?
उत्तर - नहीं 
3- आपके पूर्वजों ने इस्लाम धर्म कब अपनाया।
उत्तर - सन् 1300
4- क्या आपके परिवार में से आपके गोत्र के कोई हिन्दू है,तो कौन?
उत्तर - मेरे गोत्र बटार से तथा मेरे पति के चौहान गोत्र से भी गांव के गांव हिन्दू है 
5- क्या आपके परिवार में महिलाएं सिंदूर लगाती है?
उत्तर - नही 
6- क्या आपके परिवार में साड़ी बांधी जाती है?
उत्तर - हा, परन्तु ज्यादा तर हिन्दू व मुस्लिम महिलाएं सूट - सलवार पहनती हैं।
7- क्या आपकी महिलाएं बुर्का पहनती हैं?
उत्तर - कभी कभी पहनती हैं।
8- क्या आपका भोजन शाकाहारी हैं?
उत्तर - हा 
9- क्या शादी में फेरो की रस्म होती है?
उत्तर - नही 
10- क्या शादी में वरमाला की रस्म होती है?
उत्तर - नही 
11- क्या आपके खानदान के हिंदू मान (दामाद) का मान - सम्मान करते हैं? उसे उपहार भेंट देते हैं।
उत्तर - हां 
12- क्या निकाह में हल्दी का प्रयोग होता है?
उत्तर - हां 
13- क्या निकाह में भात लिया जाता है?
उत्तर - हां 
14- यदि भात लिया जाता है तो गीत की चार पंक्तियां।
उत्तर - काफी समय से गीत गाना बंद है।
15- क्या निकाह के बाद दामाद को पहली बार बुलाने के लिए पांव फेरी होती है?
उत्तर - हां 
16- क्या नाम में जाति का टाईटल लगता है? जैसे अमीर,जाट, गुर्जर आदि।
उत्तर - हां 
17- बच्चे के जन्म के समय कौन कौन सी रस्म होती है।
उत्तर - छठी की रस्म होती है।
18- क्या पूर्वजों की स्मृति में कोई कार्यक्रम होता है?
उत्तर - कुरान शरीफ पढी जाती है।
19- क्या आपको अपने पूर्वजों के मूल नाम की जानकारी है?
उत्तर - हां 
20- शादी में किस -किस गोत्र को बचा कर शादी की जाति है।
उत्तर - पिता के गोत्र को बचाकर।
21- क्या आप मानते हैं कि धर्म बदलता है, ख़ून का रिश्ता नहीं?
उत्तर - हां 
22- क्या निम्नलिखित बातें आपके परिवार में मानी जाती है?
दिशाशूल, ग्रह, ग्राम देवता,शुभ -अशुभ का विचार,जादू टोना आदि।
उत्तर - नही 
23- क्या सुहाग की निशानी बिंदी, मांग, मंगलसूत्र,बिछूआ,कलावा में से कोई प्रयोग होता है।
उत्तर - बिछूआ,पायजेब पहना जाता है।
24- क्या मकान बनाते समय वास्तू का ध्यान रखते है? 
उत्तर - लडकी को भेंट देने का रिवाज है।
25- क्या मकान के दरवाजे पर सुपारी बांधी जाती है?
उत्तर - नहीं 
26- क्या नए मकान में देहली पूजन होता है?
उत्तर -कुरान खानी के नाम से होता है।
27- क्या शादी में लहंगा चुनरी पहनने की परम्परा है?
उत्तर - हां 
28- क्या शादी में गोने की रस्म होती है?
उत्तर - हां 
29- क्या कंगना खेला जाता है?
उत्तर - नहीं 
30- क्या विदाई दी जाती है?
उत्तर - हां 
31- क्या किसी कार्य में मूहर्त देखी जाती है?
उत्तर - देखी जाती है और नही भी। समाज में कोई एक नियम पूरी तरह से नही है।
32- क्या बच्चे की छठी मनाई जाती है?
उत्तर - हां 
33- क्या बच्चे का मुंडन होता है?
उत्तर - हाऊ
34- क्या बच्चे का पहला आहार मामा या बुआ के हाथ से खिलाया जाता है?
उत्तर - नहीं 
35- क्या त्यौहार पर दीपक जलता है?
उत्तर - नही 
36- क्या होली दीवाली पर कोई रस्म करते हैं?
उत्तर - नही 
37- मुंडेरी पर कौआ का विचार माना जाता है।
उत्तर - नही 
38- क्या खेत बोते समय कोई शगुन करते हैं?
उत्तर - हा,ध्याने/बेटी की संतान को धन देने का रिवाज है।
39- शुभ -अशुभ का विचार जैसे -
(क) सुबह गाय का दिखना 
उत्तर - नही 
(ख) नीलकंठ का दिखना 
उत्तर - नहीं 
(ग) तारों का दिखाई देना 
उत्तर - नहीं 
40- क्या अशुभ का विचार जैसे -
(क) बिल्ली का रोना 
(ख) कुत्ते का रोना 
आदि को कुछ माना जाता है।
उत्तर - हां,बुरा माना जाता है।
41- क्या विधवा महिलाओं में सफेद कपडा पहनने की परम्परा है?
उत्तर - पहले थी,अब नही है।
मुस्लिम बने चौहान गुर्जर तथा अन्य गोत्र के मुस्लिम गुर्जर अपना अरबी करण आज तक नही कर सके।वो आज भी भारतीय मुस्लिम ही है,आज हमारी लगभग 28 वी या 29 वी पीढ़ी है।आज भी हम गुर्जर मुस्लिम और हिन्दू गुर्जर अपने बच्चों की शादी बच्चे के पिता का गोत्र बचाकर ही करते हैं।मेरी स्वयं की पत्नी बटार गोत्र की है, जबकि मै चौहान गोत्र का हूं।जब गोत्र बचा हुआ है तो शादी में भात और अन्य रिति-रिवाज भी मौजूद हैं। शादी में फेरे नही पडते निकाह होता है।इबादत का तरिका बदल गया है, बाकि सब एक जैसा ही है।
समय चक्र चलता रहा, तुर्को के बाद, मुगल व अंग्रेजी शासन आया, 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया, देश में लोकतंत्र से मतदान द्वारा शासन चलाने की पद्धति प्रारंभ हो गई।
कैराना के चौहान गूजरों ने भारत की शासन पद्धति के माध्यम से प्रदेश व देश की सरकार में अपनी भागीदारी व सेवा अपनी योग्यता व क्षमता के अनुसार प्रदान की। चौधरी नारायण सिंह जी उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री पद पर रहे, नारायण सिंह जी के सुपुत्र संजय चौहान विधायक व सांसद रहे। बाबू हुकुम सिंह जी उत्तर प्रदेश के प्रभाव शाली नेताओं में रहे, वे विधायक, सांसद रहे तथा प्रदेश सरकार में विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री रहे, चौधरी अजब सिंह जी विधायक रहे, उनके भतीजे चौधरी विरेंद्र सिंह जी कांधला से कई बार विधायक रहे, प्रदेश सरकार में मंत्री रहे, चौधरी यशवीर सिंह जी खादी बोर्ड के चेयरमैन रहे।
मुस्लिम गूजरों में हसन परिवार से स्वर्गीय अख्तर हसन सन् 1984 में सांसद रहे, अख्तर हसन जी के बाद उनके पुत्र मुनव्वर हसन सांसद, विधायक व विधान परिषद् सदस्य व राज्य सभा सदस्य रहे। मुनव्वर हसन का नाम ग्रनिज बुक में इसलिए दर्ज है कि वो सबसे कम उम्र में सभी सदन के सदस्य रहे। उनके बेटे नाहीद हसन इस समय कैराना से विधायक है, उनकी पत्नी श्रीमती तबस्सुम भी कैराना लोकसभा से सांसद रह चुकी हैं। वर्तमान में स्व मुनव्वर हसन की पुत्री इकरा हसन तथा चौधरी नारायण सिंह के पोत्र चंदन सिंह चौहान सांसद बनकर इस समाज की शोभा बढ़ा रही है।
आज में मेरठ में सपरिवार निवास करता हूं,मेरे घर के पास ही हयात नर्सिंग होम है। जिसमें अमरोहा जनपद के हसनपुर तहसील के धींवरखेडी गांव के डा रशीद भड़ाना मैनेजर का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।डा रशीद की मेरठ जिले के किला परिक्षत गढ़ ब्लाक के सारंगपुर गांव में चाहड़ गोत्र के आरिफ गुर्जर के यहा ससुराल है। सारंगपुर गांव के पास ही चाहड़ गोत्र के हिंदू गुर्जर का अहमद पुरी गांव है।मेरठ के हस्तिनापुर ब्लाक में चांद नंगला गांव में असफाक गुर्जर जो अधाना गोत्र के है, निवास करते हैं।अधाना गोत्र के हिंदू गुर्जर का माछरा ब्लाक में गोविंद पुर गांव है। असफाक गुर्जर की,तिसंग गांव में जो मुजफ्फरनगर के खतौली ब्लाक में स्थित है, जिसमें पताहा गोत्र के मुस्लिम गुर्जर रहते हैं, में ससुराल है।पताहा गोत्र के हिंदू गुर्जर खतौली ब्लाक के अंतवाडा गांव में निवास करते हैं।किला परिक्षत गढ़ ब्लाक में अशीलपुर गांव का एक माजरा गोठड़ा गांव के नाम से है,इस गांव में हिंदू गुर्जर व कटारिया गोत्र के मुस्लिम गुर्जर निवास करते हैं। हस्तिनापुर ब्लाक में बस्तौरा गांव में खलील गुर्जर जो कटारिया गोत्र के है, निवास करते हैं। चौधरी खलील गुर्जर मेरठ क्षेत्र के मुस्लिम गुर्जरों मे एक सम्मानित व्यक्ति है,जिनका हिन्दू गुर्जरों मे भी व्यापक प्रभाव है। खलील गुर्जर जी ने अपने कथन मैं प्रमुख समाजसेवी श्री सूर्य प्रकाश जी व योगेन्द्र त्यागी जी व अशोक चौधरी के सम्मुख बताया कि उनके दादा जी के नाम हिंदुओं की तरह ही थे, कुछ वर्ष से ही परिवार मे फारसी नाम रखने की शुरुआत हुई है। चौधरी खलील गुर्जर के पिता का बरकत व बरकत जी के पिता का नाम गुलाब था, चौधरी खलील जी के दो ताऊ,जिनका नाम मंगत व ननुआ था। खलील गुर्जर जी की आयु लगभग 80 वर्ष होगी,इस समय।
हापुड़ जिले के गढ़ ब्लाक के लोदीपुर छबका गांव के निवासी प्रमुख समाजसेवी श्री राजबल सिंह जी ने गांव सारंगपुर मे गांव के प्रधान अकबर चौहान जी के सम्मुख बताया कि अब से कुछ वर्ष पूर्व तक हिंदू और मुस्लिम गुर्जर महिलाएं एक साथ ही देव उठान एकादशी पर एक साथ ही दिपक जलाया करती थी।
कहने का तात्पर्य यह है कि आपस के सामंजस्य मे कही कोई कमी नहीं है। दोनों समाज का आपसी सुख दुख मे सदा सहयोग रहा है।
24 सितंबर सन् 2024 को बस्तौरा गांव में चौधरी खलील गुर्जर के निवास स्थान पर हिंदू व मुस्लिम गुर्जर समाज की एक साझी बैठक हुई थी, जिसमें अन्य समाज के वरिष्ठ समाजसेवी श्री सूर्य प्रकाश टोंक, चौधरी जयवीर सिंह, योगेन्द्र त्यागी जी उपस्थिति रहें थे। हिंदू गुर्जर में मेरठ से अशोक चौधरी,कुनकुरा गांव से श्री ऋषिपाल सिंह कंसाना, अलीपुर मोरना से श्री गजेन्द्र नागर, गांव नानपुर से डा हरेंद्रसिंह तथा महिला प्रतिनिधि के रुप में मवाना की रहने वाली एडवोकेट मुनेश रानी उपस्थित रही थी।
09 अक्टूबर सन् 2024 को सारंगपुर गांव में मुस्लिम व हिन्दू गुर्जर समाज की एक साझी बैठक हुई थी। जिसमें बस्तौरा की तरह ही सैकड़ों की संख्या में दोनों समाज के गणमान्य व्यक्तियों के साथ श्री सूर्य प्रकाश टोंक जी व योगेन्द्र त्यागी, चौधरी जयवीर सिंह भी शामिल रहें।बैठक में बडे सोहार्द पूर्ण वातावरण में एक दूसरे के सुख दुख की बात की गई। सारंगपुर गांव मुस्लिम गुर्जर का सबसे बडी आबादी वाला गांव है,इस गांव में चाहड़, कल्श्यान, भड़ाना गोत्र के मुस्लिम गुर्जर निवास करते हैं। बैठक कराने में में गांव के प्रधान अकबर चौहान [Mobile] +91 99273 02574
[Home] 9454625032 तथा हिन्दू गुर्जर पक्ष की ओर से लोदीपुर छपका के राजबल सिंह का बडा सहयोग रहा। बैठक में बस्तौरा गांव की तरह ही श्री सूर्य प्रकाश टोंक, योगेन्द्र त्यागी तथा चौधरी जयवीर सिंह गुर्जर समाज से अलग समाज सेवी के रुप में उपस्थित रहें। बैठक में सैकड़ों की संख्या में दोनों समुदायों के गुर्जर समाज के लोग उपस्थित रहे।बैठक में बस्तौरा के चौधरी खलील गुर्जर जी भी उपस्थित रहें।मेरठ से अशोक चौधरी, सतेंद्र भडाना तथा ब्रह्म पाल सिंह लखवाया , गांव पूठी से मनोज रावल व पूठी गांव के प्रधान के छोटे भाई प्रिंस गुर्जर ,डा सुशील भाटी, अशोक चौधरी आदि उपस्थित रहे।


गुर्जर समाज साझी विरासत मेरठ प्रांत संयोजक अशोक चौधरी मेरठ-

गुर्जर परम्परा लेखन टोली मेरठ प्रांत 
9 विभाग 27 जिले -

1-मेरठ विभाग संयोजक 
चौधरी ब्रह्मपाल सिंह गांव लखवाया/सुशांत सिटी सेक्टर 5
8630070041,9837558088
सह संयोजिका 
डा रेखा राणा 
7088111167
सह संयोजक 
चौधरी खलील कटारिया गांव बस्तौरा 
9012372406
1- पूर्वी मेरठ महानगर 
संयोजक 
गुलबीर सिंह पूर्व पार्षद गंगा नगर 
9756961111
सह संयोजक 
श्रीमती रेशमा राणा गंगानगर 
8265979311
सह संयोजक 
जोरोद्दीन चौहान 
9997289652
2- मेरठ पश्चिमी 
श्री सतेंद्र भडाना गांव नरहैडा/सुशांत सिटी सेक्टर 5 
8750862268
श्रीमती अनीता गुर्जर गांव भूडबराल 
9457631587
3- मवाना 
 संयोजक 
ऋषि पाल कंसाना गांव कुनकुरा 
+918279951079
सह संयोजक 
आरिफ गुर्जर सारंगपुर 
7500837593
4- सरधना 
संयोजक 
श्री ब्रज सिंह मोतला दादरी 
9315565718
5- हापुड़ 
श्री राजबल सिंह गांव लोदीपुर छबका 
+919758641797
2- लक्ष्मीनगर विभाग 
संयोजक 
चौधरी ब्रह्म सिंह चौहान गांव दसाला 
9760521241
सह संयोजक 
इरशाद गुर्जर नेता जी गांव तिसंग
9358810122
जिला संयोजक 
1- शामली 
श्री वीरपाल सिंह चौहान गांव खंदरावली 
9997623084
2- बागपत 
मनोज प्रधान गांव पाबला 
9068681187
3- लक्ष्मीनगर 
श्री ओमपाल सिंह आर्य गांव टिटौडा 
9012269194
असजद गुर्जर गांव तिसंग 
9927414272
3- सहारनपुर विभाग 
संयोजक 
श्री मनोज चौधरी रामपुर मनिहार 
9837900050
आशिष अली गुर्जर 
7830281786
जिला संयोजक 
1- सहारनपुर 
श्री नवीन राठी सहारनपुर 
9719287287
2- देवबंद 
विनोद कुमार गांव साल्हापुर 
7830002426
3- बेहट 
श्री मुनेश चौधरी गांव गैंदेबढ 
9761352100
4- बिजनौर विभाग 
संयोजक 
डा निर्दोष गुर्जर बढ़ा पुर
9761763971
जिला संयोजक 
1- बिजनौर 
हरषित कटारिया गांव छीबरी 
9068372492
2- धामपुर 
श्री शेखर सिंह 
8476060787
5- सम्भल विभाग 
संयोजक 
श्री विरेन्द्र सिंह गुर्जर गजरोला 
9837151140
सह संयोजक 
डा रशीद भड़ाना हयात नर्सिंग होम मेरठ गांव धींवर खेडी जिला अमरोहा
9837782445
जिला संयोजक 
1- अमरोहा 
श्री अजय पाल सिंह कटारिया गांव सेंद नंगली/हसनपुर 
7351344244
शौकिन भड़ाना गांव धींवर खेडी जिला अमरोहा 
7536828988
2- सम्भल 
श्री चेतन सिंह गांव सेवडा जसरथ नंगला 
9927809078
6- बुलंदशहर विभाग 
संयोजक 
श्री सतीश पोसवाल 
9810897552
जिला संयोजक 
1- खुर्जा 
विक्की गुर्जर मावी चंद्र लोक कालोनी 
8445215151
7- नोएडा विभाग 
संयोजक 
श्री देवेन्द्र नागर गांव अच्छैजा 
7065066400
सह - संयोजक 
डा पूजा 
8860224563
जिला संयोजक 
1- गौतमबुद्ध नगर 
श्री संदीप जी 
8938057022
2- नोएडा 
डा अनुज चंदेल 
9313346934
8- गाजियाबाद विभाग 
संयोजक 
श्री तेजपाल सिंह पोसवाल पूर्व पार्षद मोदीनगर 
7302874515
जिला संयोजक 
1- गाजियाबाद 
श्री प्रवीण बैसोया मुरादनगर 
9953432506
2- वैशाली 
श्री युग गुर्जर/युगांतर कसाना 
9716400421
9- मुरादाबाद विभाग संयोजक 
श्री चंद्रभान सिंह गुर्जर मुरादाबाद 
9456042122

विभाग 9 में से 9 तथा जिला 27 में से 20 के संयोजक बना दिए गए हैं।मेरठ विभाग में महिला संयोजक भी बन गई है।
प्रांत संयोजक 
अशोक चौधरी मेरठ
9837856146
सदस्य 
1- डा धनपाल सिंह शामली 
9811447977
2- राजकुमार प्रधान हापुड़ 
8445486236
3- सुभाष गुर्जर मवाना 
9411027293
4- बालेश्वर आर्य लक्ष्मी नगर 
9719998847
5- शक्ति मोहन सिंह गांव ताजपुर लक्ष्मी नगर 
9758144024
6- श्री तप्सी भाटी गांव चिटैहडा 
7982614237 गौतमबुद्ध नगर 
7- अनमोल कपासिया गांव कासमपुर खोला 
8218619714
8- सरदार मेम्बर सिंह गांव सादुल्ला पुर 
9837150694
9- एड मुकेश रानी मवाना 
9411027293
10- श्रीमती ममता भाटी नोएडा 
9990614842
8595612642
विशेष आमंत्रित सदस्य 
1- श्री जगदीश पूठा मेरठ
9837040483
2- श्री राजीव इंद्राज मेरठ 
972000003
3- जयवीर सिंह रिठानी 
8171000600
4- श्री सुनील भडाना जुर्रानपुर 
9808151466
5- श्री मुनेंद्र सिंह लोहिया 
9557100102
6- श्री राजेन्द्र सिंह लिसाड़ी 
9917179944
7- श्री नरेश सिंह बैंसला काजीपुर 
9897637914
8- श्री सुरेन्द्र सिंह भड़ाना काजीपुर 
9412831056
9- श्री सुरेन्द्र सिंह जी घाट/सुशांत सिटी सेक्टर -3
9012530000
10- श्री वेदपाल चपराणा 
+919557796465
11- श्री प्रताप सिंह बक्सर 
8218182194
12- श्री नितीन कसाना कुण्डा पूर्व ब्लाक प्रमुख 
9012368008
2- श्री जगत सिंह दौसा 
9927023530
3- डा योगेश प्रधान प्रमुख मवाना ब्लाक प्रमुख 
9897531660
4- श्री कपिल मुखिया नरहैडा मेरठ ब्लाक प्रमुख 
9012999111
5- श्री पप्पू सिंह गुर्जर पूर्व ब्लाक प्रमुख 
9837097164

मेरठ विभाग 
जिला मेरठ महानगर 
पूर्वी मेरठ 
गुलबीर सिंह पूर्व पार्षद गंगा नगर 
9756961111
सह संयोजक 
श्रीमती रेशमा राणा गंगानगर 
8265979311
सह संयोजक 
नुरुद्दीन चौहान शास्त्री नगर 
9997289652
1- श्री महिपाल सिंह चौधरी 
9358431475
2- श्री महेश भड़ाना शेर गढी 
8439395618
3- श्री अनुज भड़ाना काजीपुर 
8630303296
4- श्री संजीव नागर नूरनगर 
9412663516
5- श्री सुधीर गुर्जर रिठानी 
9927099636
6- श्री सचिन भड़ाना एडवोकेट जुर्रानपुर 
7248353535
7- श्री भोपाल सिंह गुमी
90125300000
8- श्री नरेन्द्र भड़ाना नरहैडा 
9319962240
9- श्री मुनिंदर सिंह भड़ाना फफूंडा 
9719562940
10- श्री रविन्द्र मंजुल शास्त्री नगर 
9412201793
11- सरदार शौ सिंह जागृति विहार 
9410233570
12- श्री गौरव गुर्जर शिव शक्ति विहार 
9808151629
13- श्री सागर पोसवाल शास्त्री नगर 
9761555515
14- श्री ललित गुर्जर पल्लवपुरम 
9927121413
15-श्री नवनीत बैंसला काजीपुर 
9897737588
16- डा आदित्य सिंह लिसाड़ी 
9837350007
17- श्री सुरेन्द्र सिंह पुलिस कालोनी 
8267000666
18- श्री राजकरण सिंह गंगानगर 
9837525652
19- एड ओमपाल सिंह मिनाक्षी पुरम 
9837166425

पश्चिमी मेरठ महानगर 
संयोजक 
श्री सतेंद्र सिंह भड़ाना 
8750862298
1- श्री देवेन्द्र सिंह चपराना वेदव्यास पुरी 
9997412512
2- श्री अजय सिंह दौसा सुशांत सिटी सेक्टर 5 
9927017179
3- श्री अजय मावी सुशांत सिटी सेक्टर 5 
9927755722
4- श्री सुंदर सिंह पठानपुरा सुशांत सिटी सेक्टर 3 
9319054080
5- श्री जयचंद जी भूडबराल 
9634358296
6- श्री तरुण लखवाया 
8077732019
7- श्री सूक्ष्म सिंह लखवाया 
7351713595
8- श्री अजय सिंह कंसाना कुण्डा 
9719686697
9- श्री सर्वेश सिंह एडवोकेट पूठा 
9719685401
10- श्री विवेक सिंह चौहान कृष्णा नगर 
9897066628
11- कै0 ऋषिपाल सिंह नटेश पुरम कंकर खेड़ा 
9897434088
जिला मवाना 
संयोजक 
संयोजक 
ऋषि पाल कंसाना गांव कुनकुरा 
+918279951079
सह संयोजक 
आरिफ गुर्जर सारंगपुर 
7500837593
1- माछरा ब्लाक 
संयोजक 
दिनेश भडौली 
826688801
2- किला परिक्षत गढ़ ब्लाक 
संयोजक 
मनोज रावल गांव पूठी 
8279364792
सह संयोजक 
मोमीन गुर्जर सारंगपुर 
9690302905
1- गौरव नागर पूठी 
9084446606
2- सौरव गुर्जर किला 
9058164356
3- अजय सिंह पूठी 
8273295816
4- अंकित गुर्जर रामनगर 
9557131347
5- मोनू गुर्जर रामनगर 
8006115115
6- मोन्टी गुर्जर पूठी 
9520725658
7- प्रवेश गुर्जर चितवाना 
8410800873
8- सुमित कुमार सिखेड़ा 
9528225209
9- अमरपाल सिंह सिखेड़ा 
8630524469
10- हरिश मावी सिखेड़ा 
6397280481
11- विकास कुमार सिखेड़ा 
6396129835
3- मवाना ब्लाक 
संयोजक 
प्रवीण कुमार गांव खेडकी 
9761270479
4- हस्तिनापुर ब्लाक 
संयोजक 
शक्ति सिंह गांव रानी नंगला 
8534091245
5- खरखौदा ब्लाक 
संयोजक 
दिग्विजय सिंह गांव सेतकुआ 
8755995460
6- रजपुरा ब्लाक 
संयोजक 
ओमप्रकाश जी गांव गांवड़ी 
9758936125
8266870205
माछरा ब्लाक 
संयोजक 
दिनेश भडौली 
826688801
1- कांति प्रसाद गांव नित्यानंद पुर 
9917703456
2- शेखर मावी गांव बहरोडा 
7983053285
3- तुलाराम गांव सादुल्ला पुर 
9761338352
4- सतेंद्र सिंह गांव गोविंद पुर 
9058288270
5- कृष्ण पाल मावी गांव कैली 
8006325000
6- अनूप नागर गांव झीडियो 
7500924255
7- चिंटू गांव फतेहपुर 
9719943275
8- डा आर पी सिंह चौधरी गांव लालपुर 
9675666677
9- दिनेश प्रधान गांव शहजाद पुर 
9897679281
जिला सरधना 
संयोजक 
9315565718
सह संयोजक 
नरेंद्र सिंह घाट 
7017308189
ब्लाक जानी 
संयोजक 
अजयबीर सिंह बैंसला नंगला जमालपुर 
8755316053
1- कृष्ण पाल पांचली 
7017567594
2- अनुज योगी पांचली 
7983333030
7500019636
3- संदीप कुमार पांचली 
9368510044
4- आदित्य नागर पांचली 
7906694242
5- बबलू गुर्जर पांचली 
9520467676
6- रकम सिंह पांचली 
9084444614
7- विकास चपराणा पावटी 
7055971675
8- विनोद चपराना पावटी 
8958009840
9- इन्दर पाल सिंह पावटी 
9568213548
10- राजवीर सिंह घाट 
9870941425
11- अभिषेक प्रधान नंगला 
8923664411
ब्लाक रोहटा 
संयोजक 
योगेन्द्र सिंह भाटी उकसिया 
9917456046
1- संजय सिंह रासना 
8535054209
9758710693
2- प्रवीण भाटी उकसिया 
6238689395
3- अंकित भाटी उकसिया 
9068931682
4- मनीष मोरल किनौनी 
7452009687
5- लोकेश प्रधान जिटौला 
992700882

मुस्लिम गुर्जर कार्यकर्ताओं की सूची 
1- सफदर अली गुर्जर सहारनपुर पुर 
9720011000
2- आशिष अली गुर्जर सहारनपुर 
7830281786
3- असजद गुर्जर गांव तिसंग मुजफ्फरनगर 
9927414272
4- खालिद गुर्जर गांव तिसंग मुजफ्फरनगर 
9760602960
5- इरशाद गुर्जर नेता जी गांव तिसंग मुजफ्फरनगर 
9358810122
6- असफाक अधाना गांव चांद नंगला जिला मवाना मेरठ 6395237373
7- चौधरी खलील गुर्जर गांव बस्तौरा जिला मवाना 
9012372406
8- आरिफ गुर्जर सारंगपुर जिला मवाना 
7500837593
9- मोमीन गुर्जर सारंगपुर जिला मवाना 
9690302905
10- डा रशीद भड़ाना हयात नर्सिंग होम मेरठ गांव धींवर खेडी जिला अमरोहा 
9837782445
11- शौकिन भड़ाना गांव धींवर खेडी जिला अमरोहा 
7536828988
12- नुरुद्दीन चौहान शास्त्री नगर मेरठ 
9997289652
13- अकबर चौहान गांव सारंगपुर जिला मवाना 
 99273 02574
महिला कार्यकर्ता 
1- डा रेखा राणा इंचोली मेरठ- 7088111167
2- एड मुकेश रानी मवाना - 9411027293
3-श्रीमती ममता भाटी नोएडा - 8595612642
4- श्रीमती रेशमा राणा गंगानगर मेरठ - 9756961111
5- श्रीमती रीमा सिंह सुशांत सिटी सेक्टर 5 मेरठ - 8126336613
6- श्रीमती एकता सिंह लोदीपुर छपका हापुड़ - 8392815878
7- डा पूजा गौतम बुद्ध नगर - 8860224563
8- श्रीमती अनीता गुर्जर भूडबराल - 9457631597
9- श्रीमती गुड्डी कंसाना गाजियाबाद - 9910472075
10- श्रीमती पूजा चौधरी अमरोहा - 6395854393
11- एड नीशी रानी पल्लवपुरम - 8650290640