मंगलवार, 11 मई 2021

लेटरल एंट्री (पार्श्व नियुक्ति) - लेखक अशोक चौधरी मेरठ।

किसी पद पर प्रोपर चैनल के अनुसार कोई काबिल व्यक्ति ना मिल पाये,तब सरकार किसी दूसरे स्थान से किसी काबिल व्यक्ति की नियुक्ति कर दे,तो उसे लेटरल एंट्री या पार्श्व नियुक्ति कहते हैं।आज भारत में उच्च पदो पर लेटरल एंट्री एक बडा मुद्दा बना हुआ है।सिनियर ब्यूरोक्रेसी के पद पर जो भारत सरकार लेटरल एंट्री कर रही है यह तत्कालीन विवाद है परमानेंट नही।
जो लोग आइएएस की परिक्षा देकर आइएएस नही बने,उन लोगों की उच्च पदो पर नियुक्ति,जहा आइएएस की नियुक्ति होती थी, भारत सरकार द्वारा की जा रही है जो एक विवाद का कारण बन गई है।भारत सरकार ने फरवरी 2018-19 में जोइंट सेक्रेटरी की 10 वेकेंसी निकली थी, जिसमें 7 लेटरल एंट्री के माध्यम से ले लिए थे, सन् 2021 में 30   वेकेंसी निकाली, जिनमें 27 डायरेक्टर,3 जोइंट सेक्रेटरी है। डायरेक्टर के पद पर वही आइएएस जाता है,जो 13 वर्ष की नौकरी कर लेता है। जोइंट सेक्रेटरी के लिए 16-18 वर्ष नोकरी करने के बाद कोई आइएएस उपयुक्त माना जाता है।इन नौकरियों के लिए कोई भी ऐसा व्यक्ति जो योग्य हो, प्रोत्साहित करने वाला हो, भारतीय नागरिक हो तथा राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भागेदारी करना चाहता हो,वो फार्म भर सकता है।
अब क्या भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है,तब हम देखते हैं कि पहले भी सरकारें काबिल व्यक्तियों को लेती रही है, जैसे मनमोहन सिंह व डा अबुल कलाम दोनों आइएएस नही थे, परन्तु वे सीधे ले लिए गए थे। 
मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्लानिंग कमीशन के डिप्टी चेयरमैन रहें, फाइनेंस मिनिस्ट्री में सलाहकार रहे।
अबुल कलाम जी सैक्रेटरी लेविल की पोस्ट पर रहे।
दूसरे कई लोग भी ऐसे ही उच्च पदों पर रहे हैं।
क्योंकि वो अपने क्षेत्रों के एक्सपर्ट थे। अमेरिका और चीन में तो यह सिस्टम सरकार मे है, अमेरिका का राष्ट्रपति अपनी इच्छा के अनुसार उच्च ब्यूरोक्रेसी में चार हजार पदों पर नियुक्ति कर सकता है। लेकिन भारत में सरकार का सिस्टम इंग्लैंड के आधार पर है, इसलिए यहा सरकारी व्यक्ति को तटस्थ रहना होता है।ये उच्च ब्यूरोक्रेसी के पद तीन या पांच साल के लिए संविदा पर होते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस पद पर नियुक्त होकर नौकरी छोडना चाहें तो वह तीन महीने पहले नोटिस देगा, यदि सरकार किसी को हटाना चाहें तो वह भी तीन महीने पहले नोटिस देगी।
जब भारत सरकार पहले से ही लेती रही है तो अब शोर क्यो मच रहा है।
इन पदो पर नियुक्ति निकालने के दो कारण भारत सरकार ने बताये,पहला तो यही कि उच्च पदो को सम्भालने के लिए काबिल व्यक्ति चाहिए, दूसरा ये कि भारत में आइएएस अधिकारी कम है।आज भारत को 6500 आइएएस अधिकारी चाहिए, जबकि आज भारत के पास कुल पांच हजार आईएएस अधिकारी है।
सन् 2001 में निती आयोग ने सिफारिश की कि हायर सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री को लाना चाहिए। सन् 2018-2021 में कुछ हद तक लेटरल एंट्री को नियम व्यवस्था के तहत लाया गया। नियुक्ति प्रक्रिया यूपीएससी के माध्यम से कर दी गई।
जब सन् 1991 में आर्थिक सुधार प्रारंभ हुए तब से आइएएस की वैकेंसी भारत सरकार ने कम निकालनी शुरू कर दी थी, सरकार का मानना था कि जब प्राईवेट सैक्टर बढेगा तो आइएएस अधिकारियों की आवश्यकता कम होगी। सन् 1996- 1997 से सन् 2003 तक आते-आते 55 आइएएस की हर साल वैकेंसी भारत सरकार की ओर से निकाली जाने लगी, जो सन् 2012 तक ऐसे ही निकलती रही, जबकि प्रत्येक वर्ष 200 वैकेंसी निकालनी चाहिए थी,इसका असर यह हुआ कि सन् 2012 तक आते-आते आइएएस अधिकारी कम पड गये। सन् 2012 के बाद से भारत सरकार 180 आइएएस की वैकेंसी हर वर्ष निकाल रही है।
मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 39 आइएएस अधिकारी काम करने की लापरवाही के कारण हटा दिए, जिससे और कमी आ गई।
सन् 1967 का एससी-एसटी के लिए व सन् 2018 का ओबीसी के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश है कि संविदा पर 45 दिन से अधिक की यदि कोई नियुक्त सरकार करेगी तो उसमें अनुसूचित जाति तथा पिछडी जाति के लिए आरक्षण होगा।
आइएएस के लिए जनरल की अधिकतम आयु 32 वर्ष, ओबीसी के लिए 35 वर्ष, एससी एसटी के लिए 37 वर्ष है, सेवानिवृत्ति आयु सबके लिए 60 वर्ष है।
जोइंट सेक्रेटरी बनने के लिए आइएएस अधिकारी की सर्विस 18 वर्ष, एडिशनल सेक्रेटरी के लिए 20 वर्ष, सेक्रेटरी के लिए 25-30 वर्ष होनी चाहिए। क्योंकि एससी-एसटी और ओबीसी की आयु 37 व 35 वर्ष हैं और सेवानिवृत्ति की आयु सबकी 60 वर्ष है, इसलिए एससी-एसटी को 23 वर्ष तथा ओबीसी को 25 वर्ष नौकरी के मिलते हैं,इस कारण एससी-एसटी और ओबीसी के लोग सेक्रेटरी जैसे पदो पर नही पहुंच पाते। क्योंकि
सेक्रेटरी बनने के लिए कम से कम 4 वर्ष की सर्विस बची हुई होनी चाहिए। आइएएस का इंटरव्यू 275 नम्बर का होता है। इंटरव्यू में आठ बोर्ड होते हैं। इनमें कुछ बोर्ड ऐसे होते है जो 170 से कम नम्बर नही दे सकते, कुछ ऐसे होते हैं जो 170 से ऊपर नम्बर नही दे सकते।इस कारण भी कुछ प्रतिभावान लोग भी इंटरव्यू में बाहर हो जाते हैं। क्योंकि कितना भी बुद्धिमान व्यक्ति का इंटरव्यू उस ग्रुप में पड गया जो 170 नम्बर से ऊपर दे ही नही सकता तो क्या करें?
समाप्त
संदर्भ ग्रंथ
लेटरल एंट्री- डा विकास दिव्य कीर्ति
https://youtu.be/1u0LZHCy6Ww

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