शनिवार, 20 जून 2020

राजस्थान का नामकरण संकलन- अशोक चौधरी मेरठ।

जार्ज थामस आयरलैंड के रहने वाले थे,वह सन् 1800 से सन् 1805 तक ग्वालियर के राजा दोलतराव सिंधिया के सेनापति रहे।इस समय में वो अपनी दैनिक दिनचर्या की एक डायरी लिखते थे, सन् 1805 मे जार्ज थामस का तबादला हो गया, उनके स्थान पर विलियम फ्रेंकलिन अधिकारी बन कर आये।जाते समय जार्ज थामस की वह डायरी ग्वालियर में ही छूट गई तथा विलियम फ्रेंकलिन को मिल गई।इन विलियम फ्रेंकलिन ने इस डायरी को पुस्तक के रुप में छपवाया।इस डायरी में ही राजपूताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में जॉर्ज थॉमस ने किया।

विलियम फ्रेंकलिन ने 1805 में ‘मिल्ट्री मेमोयर्स ऑफ मिस्टर जार्ज थॉमस‘ नामक पुस्तक प्रकाशित की। उसमें उसने कहा कि जार्ज थॉमस सम्भवतः पहला व्यक्ति था, जिसने राजपूताना शब्द का प्रयोग इस भू-भाग के लिए किया था।

कर्नल टॉड सन् 1817 से सन् 1822 तक मेवाड़ रियासत के रेजिडेंट बनकर रहे तथा सन् 1826 में लंदन वापस चले गए। लंदन जाने के तीन वर्ष बाद सन् 1829 में कर्नल टॉड ने एक पुस्तक लिखी,जिसका नाम था Annals & Antiquities of Rajas'than' (or Central and Western Rajpoot States of India) इस पुस्तक को भारतीय विद्वान टॉड  नामा के नाम से भी कहते हैं। कर्नल टॉड के मित्र विलियम क्रुक ने इस पुस्तक का संपादन किया, कर्नल टॉड ने इस पुस्तक को अपने भारतीय गुरू जैनयति  ज्ञानचंद्र को समर्पित किया।

इस पुस्तक का हिंदी में अनुवाद सन् 1927 में पं गोरी शंकर हरीचंद ओझा जो राजस्थान के सिरोही जिले के रहने वाले थे, ने किया तथा इस हिन्दी अनुवाद की गई पुस्तक का नाम राजपूताने का इतिहास रखा। कर्नल टॉड की इस पुस्तक का लेखन संसमरणात्मक है अर्थात लंदन जाकर जो उनको राजस्थान के विषय में संस्मरण में था, उन्होंने लिख दिया। परन्तु पं ओझा के हिंदी अनुवाद में राजपूताने का इतिहास शीर्षक देने के कारण भारतीय विद्वानों ने इसको कर्नल टॉड के द्वारा लिखा राजपूताने का इतिहास ही समझ लिया।

कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नाम ‘रायथान‘ क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को ‘रायथान‘ कहते थे। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक 'Annals & Antiquities of Rajas'than' (or Central and Western Rajpoot States of India) में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।

सन् 1832 में लंदन में ही"द ट्रैवलर्स इन वैस्टर्न इंडिया"नाम से एक और पुस्तक लिखी।जो सन् 1839 में कर्नल टॉड की मृत्यु के बाद उनके मित्र विलियम क्रुक के द्वारा ही सम्पादित कर प्रकाशित की गई।

संदर्भ

विनोद कश्यप, सितंबर सन् 2019,यू ट्यूब-राजस्थान का नामकरण।

https://youtu.be/xWcq6r_rmyk

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