भारत के कुछ महानायकों का स्कूली पाठ्यक्रम में चरित्र चित्रण डालने हेतु सुझाव
1- धन सिंह कोतवाल- अंग्रेजों के विरुद्ध भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभ 10 मई सन् 1857 को मेरठ (उत्तर प्रदेश) से हुआ था, जिसमें मेरठ की सदर कोतवाली के कोतवाल धन सिंह के नेतृत्व में मेरठ के आसपास की किसान जनता ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया था।अमर सेनानी धन सिंह कोतवाल जी की स्मृति में मेरठ में प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम होते हैं। कोतवाल धन सिंह की याद में जो कार्य तथा उनकी जीवनी नेट पर उपलब्ध है,उसका लिंक साथ मे प्रेषित हैं।(क)- मेरठ में धन सिंह कोतवाल की स्मृति में किये गये कार्य-http://pratapraogurjar.blogspot.com/2018/08/1857.html?m=1
(ख)- डा सुशील भाटी द्वारा धन सिंह कोतवाल पर लिखा गया लेख-http://janitihas.blogspot.com/2012/11/1857-dhan-singh-kotwal.html?m=1
(ग)- अशोक चौधरी द्वारा धन सिंह कोतवाल पर लिखा गया लेख-http://pratapraogurjar.blogspot.com/2018/08/10-1857.html?m=1
2- छत्रपति शिवाजी के सेनापति प्रताप राव गुर्जर- पृथ्वीराज चौहान की मोहम्मद गोरी पर सन् 1191 में तराईन के प्रथम युद्ध में विजय के 480 वर्ष बाद फरवरी सन् 1672 में सलहेर के युद्ध में छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति प्रताप राव गुर्जर के नेतृत्व में मराठा सेना ने औरंगजेब की सेना को आमने-सामने के युद्ध में परास्त कर दिया।शिवाजी के राज्याभिषेक 1674 से ठीक आठ वर्ष पहले तक प्रताप राव गुर्जर ही शिवाजी के प्रधान सेनापति रहे हैं।इस युद्ध की विजय के बाद सन्त रामदास ने शिवाजी को एक प्रसिद्ध पत्र लिखा। जिसमें गुरु रामदास ने अपने सम्बोधन में शिवाजी को गजपति, ह्रयपति (घुड़सवार सेना), गढ़पति और जलपति कहा है। इस युद्ध की विजय के बाद शिवाजी के छत्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया था।
सेनापति प्रताप राव गुर्जर की स्मृति में सन् 2002 से प्रत्येक वर्ष मेरठ में कार्यक्रम किया जाता है।
प्रताप राव गुर्जर के जीवन पर लेख निम्न है-
(क) डा सुशील भाटी द्वारा लिखा गया लेख
http://janitihas.blogspot.com/2013/02/blog-post_674.html?m=1
(ख) अशोक चौधरी द्वारा लिखा गया लेख
http://pratapraogurjar.blogspot.com/2018/08/blog-post_8.html?m=1
3- गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज- भारत में सन् 725 में मोहम्मद बिन कासिम ने राजा दाहिर पर हमला किया था, सन् 725 से लेकर सन् 1000 तक भारत में अरब हमलावरों को ना घुसने देने वाले गुर्जर प्रतिहार राजाओं ने भारत की सीमाओं की रक्षा की,इस वंश मे सम्राट मिहिरभोज नाम के एक महा पराक्रमी सम्राट हुए हैं,जिनकी भारत के जनमानस में बडी ख्याति है। सम्राट मिहिरभोज पर लिखा लेख निम्न है-
(क) अशोक चौधरी द्वारा लिखा लेख-
http://pratapraogurjar.blogspot.com/2020/07/blog-post_15.html?m=1
4- क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक - पथिक जी एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में सबसे लम्बा बिजौलियां किसान आंदोलन का संचालन किया वो भारत में किसान आंदोलन के जनक कहें जाते हैं, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के केराना कस्बे में डिग्री कॉलेज विजय सिंह पथिक जी के नाम से बना हुआ है। उन पर लिखे लेख निम्न है-
1- डा सुशील भाटी द्वारा लिखा लेख
http://janitihas.blogspot.com/2012/10/bijolia-ke-gandhi-vijay-singh-pathik.html?m=1
2- अशोक चौधरी द्वारा लिखा लेख
http://pratapraogurjar.blogspot.com/2020/07/blog-post_26.html?m=1
5- पन्ना धाय - मेवाड़ की पन्ना धाय का त्याग भारत के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता,एक महिला द्वारा एक अनाथ राजकुमार उदय सिंह की रक्षा जिस वीरता से की,उसकी मिसाल भारत के इतिहास में ढूंढ़े नही मिलती। पन्ना धाय पर लेख निम्न है-
(क) अशोक चौधरी द्वारा लिखा लेख
http://pratapraogurjar.blogspot.com/2019/01/blog-post_16.html?m=1
भवदीय
अशोक चौधरी स्वतंत्र लेखक एवं विचारक
अध्यक्ष प्रताप राव गुर्जर स्मृति समिति मेरठ।
108/1 नेहरू नगर गढ रोड़ मेरठ।
मो- 9837856146
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